बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार
मोदी की धोषणा से साफ हो गया कि बिहार मे एशिया का पहला डॉल्फिन रिसर्च सेंटर की स्थापना
की जाएगी इस पूरे सेंटर के निर्माण के लिए बजट लगभग 28 करोड़ रुपये रखा गया है। आपको
बतादे कि इस अनुसंधान केन्द्र को कही एकांत में ना बनाकर पटना विश्वविद्यालय के कैंपस
के दो एकड़ में इसका निर्माण किया जाएगा साथ ही
साथ मुंगेर में एक ऑबजरबेटरी का निर्माण कराया जा रहा है जहॉं से डॉल्फिनों
पर नजर रखी जाएगी।
कुछ रोचक बाते, डॉल्फिन्स के बारे में...
· भारत की लगभग आधी
डॉल्फिन जनसंख्या अकेले बिहार में ही है, देश
में इनकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 3,000 ही रह गई है जो बेहद कम
है।
· जिस तरह से इनकी जनसंख्या लगातार कम होती जा रही है वह चिंता का विषय है ऐसे में डॉल्फिन के संरक्षण में केन्द्र की भूमिका अहम होगी।
· डॉल्फिनों की संख्या और उपलब्धता की जानकारी के लिए चौसा से साहेबगंज तक सर्वे का काम 42.728 लाख रुपये की लागत से तीन नामी विशेषज्ञ संस्थानों द्वारा इसी वर्ष 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक कराया जाएगा।
· बिहार में 10 लाख रुपये लगाकर डॉल्फिन पर फिल्म भी बन रही है और कई प्रोत्साहन कार्यक्रम भी चलाए जा रहे है।
· जिस तरह से इनकी जनसंख्या लगातार कम होती जा रही है वह चिंता का विषय है ऐसे में डॉल्फिन के संरक्षण में केन्द्र की भूमिका अहम होगी।
· डॉल्फिनों की संख्या और उपलब्धता की जानकारी के लिए चौसा से साहेबगंज तक सर्वे का काम 42.728 लाख रुपये की लागत से तीन नामी विशेषज्ञ संस्थानों द्वारा इसी वर्ष 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक कराया जाएगा।
· बिहार में 10 लाख रुपये लगाकर डॉल्फिन पर फिल्म भी बन रही है और कई प्रोत्साहन कार्यक्रम भी चलाए जा रहे है।
भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है – गंगा डॉल्फिन
गंगा नदी में पायी जाने वाली डॉल्फिन
को गंगा डॉल्फिन के नाम से भी जाना जाता है पर इसका वैज्ञानिक नाम प्लाटनिस्टा गंगेटिका
है। यह दुनिया की ताजे पानी की चार डॉल्फिन प्रजातियों में से एक है। भारत के अलावा
यह यांगत्जी नदी, पाकिस्तान की सिन्धु
तथा अमेज़न नदी में भी पायी जाती है आपको बतादें कि केन्द्र सरकार ने 5 अक्टूबर 2009
को गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था।
डॉल्फिन मछली की एक खास खूबी है कि यह अपने
शिकार को अल्ट्रासोनिक साउंड से खोज निकालती है, गंगा नदी डॉल्फिन ना सिर्फ अपने शिकार को खोजने के लिए बल्कि रास्ता ढूँढने, खतरे से बचने आदि गतिविधियों के लिए
भी इसका प्रयोग करती है। बिहार और उत्तर प्रदेश में इसे ‘सोंस’
एवं असामी भाषा में ‘शिहू’ के नाम से जाना जाता है, साल 1996 में ही इंटरनेशनल यूनियन
ऑफ़ नेचर इन डॉल्फिनों को विलुप्तप्राय जीव घोषित कर चुका था इसे हम एक और तरीके से
समझे तो गंगा में डेल्फिनों की संख्या में बढ़ोतरी मिशन क्लीन गंगा का मुख्य आधार साबित
होगा क्योंकि डॉल्फिन का गंगा नदी में होना गंगा नदी के स्वास्थ्य की निशानी है
देश का एकमात्र डॉल्फिन अभ्यारण्य भागलपुर में
साल 1997 में पर्यावरण मंत्रालय ने
गंगा नदी संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया था जिसके अंतर्गत डॉल्फिन की संख्या का वैज्ञानिक
डेटाबेस तैयार करने की योजना बनाई गई थी। बिहार के भागलपुर जिले में विक्रमशिला गंगेटिक
डॉल्फिन अभ्यारण्य स्थ्ति है जो कि देश का एकमात्र डॉल्फिन अभ्यारण्य है जो कि गंगा
नदी में 50 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है।
ConversionConversion EmoticonEmoticon